*पड़ोसी की बनी कोठी, पड़ोसी देख जलता है (मुक्तक)*
पड़ोसी की बनी कोठी, पड़ोसी देख जलता है (मुक्तक)
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पड़ोसी की बनी कोठी, पड़ोसी देख जलता है
हृदय में ईर्ष्या का भाव, उसके व्यर्थ पलता है
जरा यह सोच कर देखो, बढ़ेगा रेट सर्किल का
सभी निर्माण में शुभ है, निहित सबकी सफलता है
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रेट सर्किल का = सर्किल रेट अर्थात सरकारी तौर पर विभिन्न स्थानों की भूमि का अलग-अलग निर्धारित किया गया मूल्य
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451