Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2024 · 1 min read

पंछी अब तुम कब लौटोगे?

भले शाम हो बहुत सुहानी, ढलते ढलते ढल जाएगी
नीड़ दूर है, पथ लंबा है, पंछी अब तुम कब लौटोगे?

पग-पग मायाजाल का घेरा, व्याधों का भी यहाँ बसेरा
देह बचाकर मन को थामे, पंछी अब तुम कब लौटोगे?

माना पर में ओज बहुत है, नयनों में भी तेज बहुत है
लेकिन रीता अंतस भरने, पंछी अब तुम कब लौटोगे?

कई कई हैं सहचर साथी, पथ में फिर भी तुम एकाकी
अपनेपन की क्षुधा मिटाने, पंछी अब तुम कब लौटोगे?

समय रेत बिंदु की भांति, पल में बिखरा फिसला जाए
इसकी चंचल धार थामकर, पंछी अब तुम कब लौटोगे?

दूषित वन है मैला तन है, पवन के कण भी धूसर धूसर
स्वच्छ निलय में दीप जलाने, पंछी अब तुम कब लौटोगे?

डाॅ. सुकृति घोष
प्राध्यापक, भौतिक शास्त्र
शा. के. आर. जी. काॅलेज
ग्वालियर, मध्यप्रदेश

2 Likes · 2 Comments · 107 Views
Books from Dr. Sukriti Ghosh
View all

You may also like these posts

23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
*विडंबना*
*विडंबना*
Pallavi Mishra
लक्ष्य पाने तक
लक्ष्य पाने तक
Sudhir srivastava
बाबा भक्त हास्य व्यंग्य
बाबा भक्त हास्य व्यंग्य
Dr. Kishan Karigar
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
Keshav kishor Kumar
परिवर्तन
परिवर्तन
Paras Nath Jha
मैं हमेशा के लिए भूल जाना चाहता हूँ कि
मैं हमेशा के लिए भूल जाना चाहता हूँ कि "कल क्या था।"
*प्रणय*
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
Dr.Pratibha Prakash
खोकर सारा आसमान
खोकर सारा आसमान
Ankita Patel
राम - दीपक नीलपदम्
राम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बढ़ती तपीस
बढ़ती तपीस
शेखर सिंह
चूड़ी
चूड़ी
अंकित आजाद गुप्ता
जीवन ज्योति
जीवन ज्योति
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*समारोह को पंखुड़ियॉं, बिखरी क्षणभर महकाती हैं (हिंदी गजल/ ग
*समारोह को पंखुड़ियॉं, बिखरी क्षणभर महकाती हैं (हिंदी गजल/ ग
Ravi Prakash
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
बसंत आने पर क्या
बसंत आने पर क्या
Surinder blackpen
*भगत सिंह हूँ फैन  सदा तेरी शराफत का*
*भगत सिंह हूँ फैन सदा तेरी शराफत का*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चाहे हमें तुम कुछ भी समझो
चाहे हमें तुम कुछ भी समझो
gurudeenverma198
फिर बात करते हैं
फिर बात करते हैं
Jyoti Roshni
त्यौहार
त्यौहार
Shekhar Deshmukh
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
singh kunwar sarvendra vikram
तेरी मुस्कान होती है
तेरी मुस्कान होती है
Namita Gupta
दोहा
दोहा
sushil sarna
जब हम छोटे से बच्चे थे।
जब हम छोटे से बच्चे थे।
लक्ष्मी सिंह
रावण की गर्जना व संदेश
रावण की गर्जना व संदेश
Ram Krishan Rastogi
Loading...