पंख पसार उड़
नील गगन छूने को
अपने पंख पसार चल
आसमान में उड़ने को
अपने पंख पसार उड़
कुंचित मानसिकताओं से
खुद को अब निकाल चल
तरक्की की अब दौड़ में
पुरुष से कंधे मिला के चल
खुद्दार हैं, स्वाभिमानी भी
तू आधुनिक नारी आगे बढ़ चल!!
®आकिब जावेद
नील गगन छूने को
अपने पंख पसार चल
आसमान में उड़ने को
अपने पंख पसार उड़
कुंचित मानसिकताओं से
खुद को अब निकाल चल
तरक्की की अब दौड़ में
पुरुष से कंधे मिला के चल
खुद्दार हैं, स्वाभिमानी भी
तू आधुनिक नारी आगे बढ़ चल!!
®आकिब जावेद