न्यूज चैनल
कहीं अखाड़ा खुदता है तो कहीं दंगल लड़ी जाती है
रात नौ बजे सारे प्राईम टाईम के कुरूक्षेत्र पर
यही ललकार लगाई जाती है ,
कि मुद्दा गरम है और ताल ठोकते हैं
हर खबर सबसे पहले हमीं तो कहते हैं
महाभारत हल्दीघाटी और पानीपत तो
सब बेकार का युद्ध था
असली युद्ध तो हम न्यूज़ चैनल पे लड़ते हैं ,
देखिये हमारी ताकत को
की कैसे हम झूठ को सच में बदलते हैं
और जो सच आप देखना चाहते हैं
उसको तो हम अपनी जेब में रखते हैं ,
और तो और
जिनको हम टीवी पर आपस में लड़वाते हैं
एक दूसरे का गिरेबान तक पकड़वाते हैं
बाहर निकल कर वो आपस में
गले मिलते नज़र आते हैं ,
बेवकूफ तो जनता है
जो हर घंटे बेवकूफ बनती है
जो हम दिखाते हैं
उसी को सच समझती है ,
इनकी नासमझी पर हम
बार – बार मर मिटते हैं
क्यों ना मर मिटें ?
इनकी इसी नासमझी से ही तो
हमारे न्यूज़ चैनल चलते हैं ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 10/12/2019 )