*नौलखा* { कुंडलिया}
नौलखा { कुंडलिया}
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पहने तन पर नौलखा , सुंदर प्यारा हार
देवलोक की अप्सरा , शोभा में साकार
शोभा में साकार , रूप द्विगुणित हो जाता
मीनाकारी काम ,स्वर्ण – आभूषण गाता
कहते रवि कविराय ,रूपसी के क्या कहने
भाग्यवान धनवान , नौलखा गहना पहने
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451