” नेपथ्य के दोस्त “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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तारों से आकाश
भरे पड़े हैं
कुछ तो दिख जाते हैं !
कोई वर्षों तक
नेपथों में छुपे रहते हैं !!
यदा कदा कभी भूल के
चमकते हैं !
फिर ना जाने
किस दुनियां में खो जाते हैं !!
दोस्तों ने भी
इन्हीं के नक़्शे क़दमों पर
चलना सीख लिया है !
नामांकन दर्ज कराके
कहीं और अपना आशियाना
बना लिया है !!
कुछ तो चमकते सितारे
हमें नयी राहें
दिखाते हैं !
अंधेरों में भटकने
नहीं देते
हमारे साथ चलते हैं !!
कलाकारों के लिस्ट
में अपना नाम
हमने आगे लिखा
रखा है !
पर अभिनय की बातें
कौन करे हमने
दर्शक भी बनना
छोड़ दिया है !!
कुछ लोग तो
अपनी बात ,अपनी भावनाओं ,
अपनी अनुभुतिओं
को सबके पास रखते हैं !
अपनी कृतिओं ,अपनी एकाग्रता ,
अपनी पहचान से
एक नया इतिहास रचते हैं !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत