नेता
अब जीत कर ये नेता कितने फुदक रहे हैं
दल ये बदल बदल कर कुर्सी लपक रहे हैं
बस जायदाद इनकी बढ़ती ही जा रही है
वादे से अपने लेकिन नेता बिदक रहे हैं
भड़काया पहले जनता को आग खुद लगा के
पेट्रोल अब ये नेता उस पर छिड़क रहे हैं
है देशभक्त कैसे ये अपने प्यारे नेता
जो लोग शांति से रहते खटक रहे हैं
बातों से ही बनाते हैं मूर्ख जनता को ये
ऐसे ही वोट उनके नेता झटक रहे हैं
चलते हैं ‘अर्चना’ ये चालें नई नई ही
नेता भिड़ा के तिकड़म हर दोष ढक रहे हैं
24-12-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद