Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2023 · 1 min read

“नुक़्ता-चीनी” करना

“नुक़्ता-चीनी” करना
“नुकता खाने” जितना
ही आसान काम है।

■प्रणय प्रभात■

1 Like · 126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Wakt hi wakt ko batt  raha,
Wakt hi wakt ko batt raha,
Sakshi Tripathi
भाग्य प्रबल हो जायेगा
भाग्य प्रबल हो जायेगा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
Atul "Krishn"
#तस्वीर_पर_शेर:--
#तस्वीर_पर_शेर:--
*Author प्रणय प्रभात*
परिंदा हूं आसमां का
परिंदा हूं आसमां का
Praveen Sain
सब कुर्सी का खेल है
सब कुर्सी का खेल है
नेताम आर सी
" नैना हुए रतनार "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
कवि रमेशराज
श्रम दिवस
श्रम दिवस
SATPAL CHAUHAN
"सच का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
Harminder Kaur
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
गुप्तरत्न
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
कुंडलिया - होली
कुंडलिया - होली
sushil sarna
Wishing power and expectation
Wishing power and expectation
Ankita Patel
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
Shubham Pandey (S P)
पत्नी (दोहावली)
पत्नी (दोहावली)
Subhash Singhai
सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3090.*पूर्णिका*
3090.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
VINOD CHAUHAN
उसकी सुनाई हर कविता
उसकी सुनाई हर कविता
हिमांशु Kulshrestha
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
Gouri tiwari
हमने माना अभी
हमने माना अभी
Dr fauzia Naseem shad
जीवनमंथन
जीवनमंथन
Shyam Sundar Subramanian
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
Loading...