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22 Sep 2021 · 1 min read

नीरो तो नहीं हम

दूर-दूर तक
फैली हुई हैं
जब वही
बर्बादियां!
कैसे कह दें
आ गई हैं
देश में
आजादियां!
अब नीरो तो
नहीं हम कि
चैन की
बंशी बजाएं!
धूं-धूं कर
जली जा रही हैं
जबकि सारी वादियां!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
112 Views
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