नींद हो तो
नींद हो तो
एक गोद के
छोटे बच्चे जैसी हो
कोई चिंता नहीं
कोई बाधा नहीं
न खुद की
न दुनिया की
कोई सुध नहीं
न सपने हैं
न याद है
अभी तो जीवन की बस
महज एक शुरुआत है
अभी बहारों को पतझड़ का
डर कहां
अभी तो कली के दिल बस
एक वयस्क फूल बनकर
खिल जाऊं
यही एक आस है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001