निर्मोही
तहके तनको प्यार जो रहीत
तू हमसे दूर कबो ना जईतअ
धड़कत रहे जे तहरे खातिर
वो दिल के तूर कबो ना जईतअ…
(१)
केतना हसरत से बनवलअ जेके
अपने हाथे से सजवलअ जेके
तू सपना के वो शीशमहल के
कर चकनाचूर कबो ना जईतअ…
(२)
ना तअ आगे बढल अब संभव बा
ना ही पीछे हटल अब संभव बा
छोड़के हमके ये बंद गली में
एतना मजबूर कबो ना जइतअ…
(३)
टूटे तअ टूटे भले सांस बाकिर
कबो साथ नाहीं छूटेला एइमें
तू लैला औरी मजनूं के अइसे
भूलके दस्तूर कबो ना जइतअ…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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