निर्भया की जीत
नारी है देवी समान ।
जिससे जन्मे हम और भगवान् ।
काण्ड हुआ था एक नाबालिग से ।
पांच दरिंदो थे हैवान ।
किसी की बेटी किसी की बहन से किए थे समूह बलात्कार ।
देख कर ये हैवानियत मानवता भी शरमाई थी ।
मौत और बलात्कार की खबर जब सामने आई थी ।
निर्भया की मां ने ये संकल्प उठाया था ।
दिला दूं जब तक मै न फांसी प्रचण्ड रूप दिखाया था ।
उच्चतम न्यायालय की चौखट पर उसने गुहार लगाया था ।
सुनकर महामहिम राष्ट्रपति भी क्रोध का मूड बनाया था ।
पांचो दरिंदो ने बचने की सब तरकीब लगाया था ।
पुनर्याचिका भेज कर सुधरने की बात जनाया था ।
माफीनामा पत्र पढ़कर भी वो निर्भया की चीत्कार सुनाया था ।
न्याय मिलने मे देर है पर अंधेरे का न साया है ।
20 मार्च 2020 को फांसी की सजा सुनाया था ।
बहुत बार तिथि टली पर अब सही निर्णय आया था।
फांसी दिलवाकर उन दरिंदो को नारी समाज मुस्काया था ।
चोट पहुंचाने पर महिला की अस्मिता पर होगा क्या सबने जान पाया था ।
निर्भया को मिली है मुक्ति सुन पूरा देश लहराया है ।
नमन है उस निर्भया मां को जिन्होंने निर्भय कदम उठाया था ।
?? Rj Anand Prajapati ??