निरंतरता
सूरज
आज की शाम
डूबता है तो
अगली सुबह
उगता भी तो है
यह उगना फिर
डूबना फिर
उगने का सिलसिला
निरंतर चलता तो है फिर
किसी की मृत्यु पर निराश क्यों
होना
निरंतरता तो प्रकृति का नियम है
बस थोड़ा सा अंतराल है
थोड़ा सा इंतजार है
जिस किसी ने यह शरीर त्यागा है
वह दोबारा जन्म अवश्य लेगा
अब उससे मिलना
इस जन्म में हो या
अगले जन्म में
यह अभी शायद तय नहीं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001