नियमन
सुबह की किरणों ने आकर मुझे जगाया,
कहा भोर हो गई, उठो, सूरज उग आया ,
मैं उनींदा सा उठा, तो सामने मुस्कुराती किरणों को पाया ,
मैंने कहा, नाहक मुझे परेशान करती हो,
मुझे कुछ और थोड़ी देर सो जाने दो ,
रोज रोज आती हो ,और अपनी रोशनी से
मेरी मीठी नींद क्यों भंग करती हो ,
किरणों ने कहा, हमें सोते हुए लोगों को
जगाना है ,
उनके सुप्त मस्तिष्क में बसे आलस्य के अंधेरे को
मिटाना है,
उन्हें प्रातः शीघ्र जागने का महत्त्व
समझाना है ,
उन्हें नियमित दिनचर्या से होने वाले
स्वास्थ्य लाभ को बताना है ,
आलस्य भरे अनियमित जीवन से
अकारण ही समय नष्ट होता है ,
स्वास्थ्य की हानि होती है,
और मानसिक कष्ट होता है ,
नियमित दिनचर्या समय प्रबंधन में
सहायक होती है ,
कार्यों के नियोजन एवं निष्पादन की सफलता
सुनिश्चित होती है,
स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ मन में स्वस्थ विचारों का
उद्भव होता है ,
सकारात्मक ऊर्जा संचरित होती है,
अंतर्निहित नकारात्मकता का नाश होता है,
अतः जागो, उठो, अपने काम पर लगो ,
और संकल्पित भाव से उन्नति के पथ पर अग्रसर रहो,