” नारी “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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नारियाँ में
शक्ति है
दुःख झेलने की
जन्म से ही
उलहनों का
ताँता लगने लगता है
सौतेला व्यवहार
लालन -पालन
पढ़ाई लिखाई
और नोकरिओं
में देखने को मिलता है
शादी के बाद
अपना आँगन
माता पिता
सखी सहेलियों से दूर हो जाती है
यहाँ तक कि
आपने बहनों से दूर हो जाती है ।
क्या कभी हम
इस व्यथा को जान पाते
उनकी खुशिओं
के लिए कुछ कर दिखाते !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत