मेरे अंश
मेरे अंश तुझे मैं सुख दूंगी
मैं शक्ति बन तुझको बल दूंगी
स्वार्थियों से भरे इस समाज मे
मैं तुझको निःस्वार्थ जीवन दूँगी
फर्क नही मुझको जो बेटी हो या बेटा
रक्त माँस के पुतले , मैं नैतिकता दूँगी
सहज नही होता बच्चो को जन्म देना
मैं मुश्किल सह तुझको हर खुशी दूँगी
ईश्वर ने रचा और चुना नारी ही को
इसी बात का मैं परिचय दूँगी
मेरे अंश तुझे मैं सुख दूँगी
मैं शक्ति बन तुझको बल दूँगी
कठिनाईयो से भर दी है राह
इन कुंठित धारणाओ ने जग में
मान नारी को अबला ताक रहे
बन भृमर मंडरा रहे कुत्सित नर
इन सब से बच मैं लाज अमर दूँगी
मैं फूलो से भरी राह सुगम दूँगी
मेरे अंश तुझे मैं सुख दूँगी
मैं शक्ति बन तुझको बल दूँगी