नारी
नारी (शुभांगी छंद)
मृदुल भावना,कमल कामना,मधुर वाचना,प्रियकारी।
हृदय विशाला,नहीं मलाला,नित खुशहाला,शिव प्यारी।
उदारवादी,प्रेम सुहागी,उर अनुरागी,शुभ न्यारी।
विनयशीलता,नित सत शुचिता,मानस निर्मल,मनहारी।
शीतल वदना,उर्मिल सदना,चिंतन सुगना,मधु सारी।
अमी सरोवर,बुद्धि मनोहर,शांत धरोहर,है नारी।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।