“नारी है तो कल है”
नारी है तो कल है,
असीम शक्ति का प्रतीक है।
संसार की जीवन धारा,
समृद्धि भी सटीक है।
प्रेम की ज्योति , सौन्दर्य की अंगूठी,
नारी की विभूति , स्वाभिमान की रोटी।
अग्निपथ पर चलने की इच्छा,
हर मुश्किल पर लड़ने वाली बेटी।
जीवन के रंग में खुद को रंगने वाली,
संघर्षों में भी दृढ़ रहने वाली ।
नारी स्वाभिमान की रक्षिका,
नारी ही तो सृष्टि की रचना करने वाली।
विराट स्वरूप में जलती विशाल ज्वाला,
संसार को जगाती, स्वयं में शक्ति पाला।
जब वह उठती है,तब देवताओं की सेवा,
सबका मन मोह लेती,भगवानी की सेवाl
मां,बहन, पत्नि,बेटी,
नारी रूपी अनुभवों की बेजोड़ चोटी।
मां कहलाती है वह, प्रेम की जननी होती,
बच्चों को पोषण देती, खुशियों की ज्योति होती ।।