नारी हुँ पर माँ नहीं
माँ की गर्भ से
जनम लेने वाली
मैं एक नारी हुँ,
पिता की लाडली
कहलानेवाली दुलारी
हाँ मैं नारी हुँ,
मगर विवशता है मेरी
नारी की असली अस्तित्व
‘माँ’की पहचान
शायद ही मुझे मिलेगी,
क्योंकि मैं गर्भहीना हुँ
माँ बन नहीं सकती,
बेटी हुँ,लाडली हुँ,
नारी हुँ पर माँ नहीं !