नाम बड़े और दर्शन छोटे
आज समाज में खूब चल रहे
ऐसे नकली सिक्के खोटे
जिनके के लिए कहा जा सकता
नाम बड़े और दर्शन छोटे।
हाथ जोड़कर वोट मांगते
उस वक्त तो जुड़ जाता नाता
भैया भाभी दीदी और माता
हासिल जीत के होते ही बंधु
बंदा किसी को मुंह न लगाता
तब रिश्तों के पड़ जाते टोटे
इनके लिए कहा जा सकता
नाम बड़े और दर्शन छोटे।
चहुंओर है छायी समृद्धि
दिन दून रात चौगुनी वृद्धि
दान पुण्य की बात करो तो
देने में इक इक पाई रोते
धन्ना सेठ ये कैसे मोटे मोटे
इनके लिए कहा जा सकता
नाम बड़े और दर्शन छोटे।
पाखंडी खूब ढोंग हैं रचाते
एक ओर पूजन अर्चन जाप
भीतर नारी उद्धार नाम से
माता बहनों संग करते पाप
इन निर्लज्ज अधर्मियों को तो
पड़ने चाहिए कानून के सोटे
इनके लिए कहा जा सकता
नाम बड़े और दर्शन छोटे।
सत्संगों में चीख चीख कर
सत्कर्मों की सीख सिखाई
तहखानों में वीभत्सता की
बेहूदी एक नगरी है बसाई
जैसे हैं ये वैसे नहीं दिखते
यह बेशर्म वे पेंदी के लोटे
इनके लिए कहा जा सकता
नाम बड़े और दर्शन छोटे।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©