Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2017 · 1 min read

नाटकों में राजा रानी हो गये

नाटकों में राजा रानी हो गये
वो समझते खानदानी हो गये

जी न पाते हम तुम्हारे बिन यहां
खत पुराने ज़िंदगानी हो गये

बेवफ़ाई ने दिये थे जख्म जो
वो मुहब्बत की निशानी हो गये

राज तन मन पर करे ये रात दिन
दर्द की हम राजधानी हो गये

जब लगाया दुश्मनों को बढ़ गले
उनके चेहरे पानी पानी हो गये

‘अर्चना’ ने देखे थे सपने कभी
हाय, वो भी इक कहानी हो गये

20-12-2017
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विषय - श्री विश्वकर्मा जयंती उत्सव
विषय - श्री विश्वकर्मा जयंती उत्सव
Harminder Kaur
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
Pankaj Bindas
युग बदल गया
युग बदल गया
Rajesh Kumar Kaurav
प्यार में धोखा खा बैठे
प्यार में धोखा खा बैठे
Jyoti Roshni
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
DrLakshman Jha Parimal
रुत चुनावी आई🙏
रुत चुनावी आई🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#ਇੱਕ ਨਾਲ ਇੱਕ ਰਲਸੀ ਫਿਰ ਵੀ ਇੱਕ ਹੋਸੀ
#ਇੱਕ ਨਾਲ ਇੱਕ ਰਲਸੀ ਫਿਰ ਵੀ ਇੱਕ ਹੋਸੀ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
ruby kumari
* सामने आ गये *
* सामने आ गये *
surenderpal vaidya
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
manjula chauhan
सच तो लकड़ी का महत्व होता हैं।
सच तो लकड़ी का महत्व होता हैं।
Neeraj Agarwal
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
Rj Anand Prajapati
ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन
ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन
उमा झा
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
पावन भारत भूमि
पावन भारत भूमि
Dr. P.C. Bisen
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
4402.*पूर्णिका*
4402.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
Ranjeet kumar patre
मुठ्ठी भर आकाश
मुठ्ठी भर आकाश
Sanjay Narayan
छंद
छंद
Avneesh Trivedi
👍
👍
*प्रणय*
प्रेम प्रस्ताव
प्रेम प्रस्ताव
NAVNEET SINGH
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
Manju sagar
Loading...