नशे में चित
नशे में चित
मेरा शहर है विख्यात
नहरों की नगरी के नाम से
आज मैं घूमते-घूमते
पहुँचा नहर पर
पानी लड़खड़ाता-सा
तुतलाता-सा
होश गवांकर बह रहा था
बहते-बहते
पानी संग बह रहे थे
प्लास्टिक के खाली
डिस्पोजल गिलास-प्लेट
चिप्स-कुरकरे के खाली पैकेट
शराब व खारे की
प्लास्टिक की खाली बोतलें
जो फैंके गए हैं
प्रयोग के बाद
थोड़ा आगे बढा तो
सजी थी महफिलें
थोड़े-थोड़े फांसले से
नहरों के दोनों ओर
लेकिन हैरत ये है कि
शराब लोग पी रहे हैं
नशे में चित
प्रशासनिक अमला
और
कानून व्यवस्था है
-विनोद सिल्ला©