Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2022 · 2 min read

नशा नहीं सुहाना कहर हूं मैं

“नशा नहीं सुहाना कहर हूं मैं ”
नशा नहीं हूं मैं तो हूं सुहाना सा कहर
जाने किस किसको आज बर्बाद करूंगा
आएगा जो बस एक बार मेरे संपर्क में
ताउम्र वह मेरी तड़फ कर गुलामी करेगा,
क्यों सुनते हो तुम प्राचीन पुराण, ग्रंथों की
जिनमें शैतान के फ़ूल अफ़ीम उन्होंने बतलाई
पुराणों में सूरा मिला मुझको नाम तो इन्हीं में
कहीं दबा नशे का भांग रूप विजया कहलाई,
ऋग्वेद में तो कह दिया था सोमरस मुझे
इन्हीं ग्रंथो में कहीं मैं अमृत भी था कहलाया
आम भाषा में अमरता का नगीना भी मैं ही हूं
व्यसनी ने तो मुझे भावना की औषधि बताया,
बलवर्धक दवा मानना तुम्हारा गलत है नज़रिया
क्यों कोई मुझे स्वर्ग के द्वार की चाबी कह जाए
आटा, राव, सूरा, ताला, वारूणी, मधुका, खांड
अरिस्ठ, पैष्ठी, शीरा प्राचीन शराब के नाम बताए,
कोकीन, कैफिन, हेरोइन, चरस, गांजा, सिगार
हशीश, सिगरेट, हुक्का, मार्फिन, और एल एस डी
जिसको लगी लत मुझे खाने, पीने, सूंघने की
नवयुवक की जिंदगी मैंने आसानी से बर्बाद करदी,
सुल्फा, धतूरा, स्मैक, बीड़ी, दारू और ब्राउन शुगर
नव युवा वर्ग तुमने क्यों फैशन आज बना लिया है ?
उत्तेजक, निश्चेतक, अवसादक, मायिक ग्रहण करते
जीते जी स्वयं को क्यों तुमने मुर्दा बना लिया है ?
मेरा तो नाम ही है सुहाना जहर, जो जन्मा
तुम्हारा आनंदमयी सफ़र खत्म करने के लिए
क्यों तुम्हे बिल्कुल भी संकोच नहीं होता जब जग
भंगेड़ी, दारूडा, गंजेडी, स्मैक्ची, चरसी, नशेड़ी पुकारे,
कुछ नही रखा है नशा व्यसन और झूठे दिखावे में
परिवार को मानव मत तूं जीते जी नशे का नरक दिखा
अपनयन लक्षण पर भी पार पा लेगा तूं आसानी से
एक बार नशा छोड़ने की तनिक मनुहार तो दिखा,
अखिल भारतीय अफ़ीम नशा निवारण केंद्र माणकलाव
जोधपुर में तेरा नशा मुक्ति का सरल रास्ता भी निकलेगा
पद्म विभूषण श्री नारायण सिंह जी के सपनों से निकला
माणकलाव मॉडल जिंदगी में संजीवनी बूटी बन उभरेगा,
खूबसूरत जीवन मुझसे लिपटकर मत तूं बर्बाद कर नर
सात्विक आहार लेकर प्रकृति की गोद में कर शांत बसेरा
मेहनत कर, स्वस्थ रह परिवार संग हर्षोलास से जीवन गुज़ार
दिन ढलता है तो अवश्य ही आएगा एक स्वर्णिम सवेरा।

Language: Hindi
1 Like · 762 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Meenu Poonia
View all
You may also like:
दर्पण जब भी देखती खो जाती हूँ मैं।
दर्पण जब भी देखती खो जाती हूँ मैं।
लक्ष्मी सिंह
💃युवती💃
💃युवती💃
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
प्रेम एक्सप्रेस
प्रेम एक्सप्रेस
Rahul Singh
खुला आसमान
खुला आसमान
Surinder blackpen
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
पूर्वार्थ
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
Dr fauzia Naseem shad
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
Keshav kishor Kumar
नाव मेरी
नाव मेरी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2610.पूर्णिका
2610.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कहीं पहुंचने
कहीं पहुंचने
Ranjana Verma
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
नम्रता
नम्रता
ओंकार मिश्र
इसलिए कुछ कह नहीं सका मैं उससे
इसलिए कुछ कह नहीं सका मैं उससे
gurudeenverma198
💐प्रेम कौतुक-445💐
💐प्रेम कौतुक-445💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*वैराग्य (सात दोहे)*
*वैराग्य (सात दोहे)*
Ravi Prakash
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
#प्रभात_चिन्तन
#प्रभात_चिन्तन
*Author प्रणय प्रभात*
अंधभक्ति
अंधभक्ति
मनोज कर्ण
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
सूने सूने से लगते हैं
सूने सूने से लगते हैं
Er. Sanjay Shrivastava
उपहास
उपहास
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बंसत पचंमी
बंसत पचंमी
Ritu Asooja
इसरो का आदित्य
इसरो का आदित्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अति आत्मविश्वास
अति आत्मविश्वास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम्हारा इक ख्याल ही काफ़ी है
तुम्हारा इक ख्याल ही काफ़ी है
Aarti sirsat
अनोखे ही साज़ बजते है.!
अनोखे ही साज़ बजते है.!
शेखर सिंह
Loading...