नव वर्ष
चैत्र नवरात्रि प्रथमा
शुभ दिवस है
माँ का शुभ प्रवेश
स्थापित कलश है
नूतन वर्षाभिनन्दन है
हिन्दू नव वर्ष आगमन
पर सभी को वन्दन है
सनातन नव संवत्सर २०७५
आज है आया
देखो चहुंओर
हर्षोल्लास है बिखराया
हर्षित हृदय उल्लसित तन है
नव पल्लव कुसुमित उपवन है
कण-कण तृण तृण है हर्षाया
नव संवत्सर २०७५ है आया
नव सृजित दर्शित प्रकृति
नव ऋतु नव स्पंदन नव गति
जन जन मन उमंग उद्वेलित
नवरात्रि पर्व का उत्साह है छाया
नव संवत्सर २०७५ है आया।
शक्ति स्वरूपा माँ के
शुभ चरणों में
जय माता का स्वर है गुंजाया।
रंजना माथुर
जयपुर (राजस्थान)
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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