नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
चैत्र मास की गंधबाही पवन,छूती है जन जन का मन
सूर्य चन्द्र आकाश धरा, सौंदर्य माधव प्रकृति मिलन
उन्मन चित्त विकल हो उठता, मिलने को अनंत प्रियतम
परब़म्ह छाया बसंत बन, आनंद छलक रहा अंतर्मन
माधव की प्रकृति स्वरूपा शक्ति, आल्हादित करती चिंतन
सृजन पालन करती मां,मातृ तत्व धरा का कण कण
नवपल्लव नव अन्न धान्य, नवसंवत्सर को अर्पण
लक्ष्मी गौरी सरस्वती, दुर्गा काली शिवा धात्री शरण
नवरात्र नवसंवत्सर पर,राधा माधव के शरण चरण
सभी को नवसंवत्सर २०८० की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई 🎉🙏 सुरेश कुमार चतुर्वेदी