नववर्ष पर सूर्य संदेश
नववर्ष पर भेजा सूर्यदेव ने,
प्रथम किरण के साथ संदेश।
चुनौतियों से भरा वर्ष है,
सम्हलो, छोड़ो राग द्वेष।
बीते वर्षों से भी सीखों,
रूठा है प्रकृति परिदृश्य।
सत्ता,स्वार्थ, लोलुपता से,
दूषित है राजनीतिक दृश्य।
झूठ,फरेब और व्याभिचार से,
कलंकित हो रहा सामाजिक तंत्र।
आर्थिक स्थिति हो या भूगोलिक,
विफलता का पढ़ते मंत्र।
आस्था पर संकट आ पहुंचा,
धर्मक्षेत्र में घुस गया पाखंड।
विद्यामंदिर हो चाहे आश्रम,
शोषण ,लूट से बढ़ते फंड।
फिर भी जारी जश्न तुम्हारा,
राग रंग में हो बेसुध।
कर्म करो बेहोशी छोड़ो,
आज नहीं पर सुधरेगा कल।
बदलो अपनी नकारात्मक सोच,
उज्जवल भविष्य बनाओं।
छोड़ो व्यर्थ का वाद विवाद,
सकारात्मकता को अपनाओं।
बहुआयामी चुनौतियां हैं आगे,
संदेश पढ़ के जुट जाओ।
प्राण ऊर्जा भेज रहा हूं,
पुरूषार्थ से सफलता पाओ।
(राजेश कुमार कौरव”सुमित्र”)