*”नवदुर्गा नवरूप मैया’*
नौं दुर्गा नवरूप मैया
प्रथम देवी -शैलपुत्री
हिमालय कन्या पार्वती देवी !
द्वितीय देवी- ब्रम्हचारिणी
परमब्रम्हा परमात्मा को साक्षात दर्शन कराने वाली देवी मैया !
तृतीय देवी – चन्द्रघण्टा
चंद्रमा जिसकी घंटा में हो !
चतुर्थ देवी – कूष्मांडा
सारा संसार जिसके उदर में निवास करता हो!
पंचम देवी -स्कंदमाता
कार्तिकेय की जननी !
छठवी देवी -कात्यायनी
महर्षि कात्यायन के अप्रतिभ तेज से उत्पन्न होने वाली देवी मैया !
सातवी देवी – कालरात्रि
समस्त सृष्टि का संहार करने वाली देवी मैया !
आठवी देवी – महागौरी
शिव के महाकाली कहने पर जिन्होंने तपस्या कर ब्रम्हदेव से गौर वर्ण का वरदान लेने वाली देवी मैया !
नवमी देवी – सिद्धिदात्री
समस्त जगत को -अणिमा ,लघिमा ,प्रकाम्य ,ईशित्व ,वशित्व, कमावसियता, इन आठों रूपों से सिद्धि देने वाली देवी मैया !
ये सभी नवदुर्गा नौं शक्तियों के रूप में उभरी हुई हैं इन्हीं शक्ति की उपासना हम नवरात्रि पर्व पर करते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए माँ से वरदान मांगते हैं।
जय माता दी