नमन मातु हे ब्रह्मचारिणी
नमन मातु हे ब्रह्मचारिणी
नमन मातु हे ब्रह्मचारिणी, मां घट भीतर आ जाओ छूट रही है सुचिता मन की, मां मन निर्मल कर जाओ नमन माता हे ब्रह्मचारिणी, मां घट भीतर आ जाओ जन्म दिया नर तन में माता, आप धरा पर लाईं
बुद्धि हुई व्यभिचारिणी मेरी, सुध बुध सब बिसराई मातु हृदय में आ जाओ, सत कर्मों में मुझे लगा जाओ नमन मातु हे ब्रह्मचारिणी, मां घट भीतर आ जाओ सत्य न जाना, शांति न जानी, दया क्षमा न पहचानी किया नहीं सत्संग हे माता, मन की जोत जला जाओ मां चित में मेरे आ जाओ
नमन मातु हे ब्रह्मचारिणी, मां घट भीतर आ जाओ जय माता दी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी