नए साल में
नए साल में
नए-नए साल में, नई-नई कविताएँ होंगी
नए-नए पुष्प होंगे, नई-नई लताएं होंगी
नई-नई रुत होगी, नई-नई फिजांए होंगी
नए-नए मंच होंगे, नई-नई कलाएं होंगी
नई-नई कहानियाँ, नई-नई कथाएँ होंगी
नए-नए तराने होंगे, नई ही गाथाएँ होंगी
नया साहित्य होगा, नई-नई विधाएं होंगी
नए-नए अंदाज होंगे,नई ही अदाएं होंगी
नए ही हैं हौंसले , नई-नई बलाएं होंगी
नए-नए रास्ते और,नई-नई बाधाएँ होंगी
नए-नए वर्णन होंगे, नई व्याख्याएँ होंगी
नए-नए मूल होंगे, नई-नई शाखाएं होंगी
नए-नए किस्से होंगे,नई ही व्यथाएँ होंगी
नए समाधान होंगे, नई ही समस्याएँ होंगी
क्षमा प्रार्थी सिल्ला, फिर नई खताएँ होंगी
नए-नए साल में, नई-नई कविताएं होंगी
-विनोद सिल्ला