“”नए वर्ष की नई उमंग””
“”नए वर्ष की नई उमंग””
नए वर्ष की नई उमंग संग,
भारतवर्ष सजाना है।।
संस्कृति साधन साहस सौरभ,
प्रकृति पावन पुलकाना है।।
देशद्रोहियों के दमन चक्र से,
मातृभूमि दामन बचाना है।
दहशत गर्दी आतंकी आलम,
फूट को कूट भगाना है।।
जन मन जागो जवानी जीवन,
दुश्मन घात लगाया है।।
टुकड़े करने भारत माता के,
कपट जाल फैलाया है।।
आंख उठाए उठाए देश दामन पर,
उनका छल-छंद घटाना है।।
कसम शहीदों के “आंसू” की,
दुश्मन दुष्ट नशाना हैं।।
(प्रेषक एवं रचनाकार)
एमपी झारिया “आंसू”
इंदिरा कॉलोनी गाडरवारा
जिला नरसिंहपुर