धड़कन
मेरी हर साँसों मे सिर्फ
अब तेरी ही रवानी है…
तुझे देखू सिर्फ
तेरी ही कहानी है….
दिल की हर धड़कन
में अब तू ही धड़क रही है….
हर अहसास में तुझे पाता हूँ…
ये धड़कन ऐसे ही नही चलती
अगर तेरा अहसास नही इसमें,
ये किसी की भी ना सुने यहाँ….
हर पल हर लम्हा
तुझे ढूंढता रहता है….
तेरा यूँ छुप छुप कर
मुझे देख कर शर्माना…..
ऐसे ही हर बात पे मेरा नाम लेना,
मेरा नाम सुनकर तेरा दिल धड़कना….
ये सब यूँ ही ऐसे तो नही है
कुछ तो है दरमियाँ तेरे मेरे…..
ऐसे ही अहसास नही जागा करते किसी के
ऐसे ही दिल की धड़कन,
नही तेज होती किसी की…
हा धड़कन,ऐसे दिल की गहराई में
जा कर आवाज करना,तड़पाना
महसूस किया है क्या तुमने भी….
करना महसूस दिल की धड़कन को
एक अनसुनी सी कई रहस्यों को समेटे
अनगिनत सवालों को छुपाये बस
धक् धक् धड़क रही ये धड़कन।।
रचनाकार
®आकिब जावेद
बिसंडा(बाँदा)उ प्र