समस्याओं का समाधान *ध्यान साधना
एक बात अपने जहन में बिठा लेना,
जगह बदलने से हालात नहीं बदलने है.
कुछ तुम बदलो
कुछ दूसरों को बदलने का मौका दो.
कोई बुरा बनकर खुश नहीं.
लोग कूट नीति खेलते है.
दूसरों के कंधों का इस्तेमाल करते हैं,
सामने नहीं आयेंगे.
सब नजरिये की बात करेंगे,
खुद को बचाने के हर प्रयास करेंगे.
उदाहरण देंगे
कथा कहानियां सुनाएंगे,
नजरिये में सिर्फ़ अपनी बात करेंगे.
आपको हीन बनाकर,
मायूस रखेंगे.
आप सिर्फ़ सुनते रहो,
कुछ देर बात शांत हो जायेगा,
बहुत कचरा भरा है.
लोगों के संयुक्त परमज्ञान के.
वह खुद महसूस करेगा.
इन पर तो.
इसका कोई असर नहीं पड रहा है.
फिर दबे मन से.
ठीक है, महेन्द्र सिंह
वैसे सरकारें सब ऐसी ही है.
फिर भी बहुत सी चीजें
इस सरकार में बहुत अच्छी हुई है.
भले सरकार ने सब कुछ नीजि हाथों में दे दिया
तेल पैट्रोल डीजल सी.एन.जी.
सरसों का तेल महंगा हुआ है.
पर बी.एस.ई मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज
शेयर मार्केट में पैसा लगाओ.
ये करेंगे नहीं.
भले गरीबों की संख्या अस्सी लाख पहुंच गई हो
देश के लिए शान की बात है.
हम सीधे यू.पी.एस.सी आयोग को नकार करके सीधे सचिव भरती कर रहे हो.
किसान आंदोलन के लोगों को किसान न मानते हो, उन्हें विपक्ष/विरोधी नागरिक मानकर सुनने को तैयार भी नहीं.
उनके प्रति संवेदना और नागरिक होने की बात तो बहुत दूर की बात है.
जयश्रीराम ही देशभक्ति देशहित के दौर में काफी है.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस