धैर्य से सफलता
गौतम बुद्ध अक्सर किसी न किसी गांव मे उपदेश देने जाया करते थे । एक बार वे अपने अनुयायियो के साथ किसी गांव मे उपदेश देने जा रहे थे । तब गर्मी का मौसम था । सभी गर्मी से परेशान थे ।लोगो को पीने का पानी भी नसीब नही हो रहा था ।गांव पहुंचने से पहले बुद्ध के साथ जा रहे अनुयायियो को जगह -जगह पर बहुत सारे गड्ढे खुदे हुए मिले । सभी अनुयायी इन गड्ढो से परेशान थे ।उन्हे चलने मे भी काफी परेशानी हो रही थी । कई अनुयायी ने खीज कर जिज्ञासा से गौतम बुद्ध से पूछा आखिर इस तरह से पुरे रास्ते मे गड्ढे किसने खोद दिए है ? रास्ते मे इतने गड्ढे का होने का तात्पर्य क्या है ? गौतम बुद्ध ने अपने अनुयायियो की बातो को गम्भीरता से सुना । फिर उन्होंने कहा गर्मी काफी है । पानी की तलाश मे लगता है किसी व्यक्ति ने इतने ढेर सारे गड्ढे खोद डाले है ।यदि वह धैर्यपूर्वक एक ही स्थान पर गड्ढा खोदता और पानी न मिलने पर दूसरा गड्ढा खोदना शुरू कर देता । कहने का तात्पर्य यह है कि व्यक्ति को किसी भी कार्य मे परिश्रम करने के साथ धैर्य भी रखना चाहिए तभी उसे सफलता मिलती है ।
⏰⏰Rj Anand Prajapati ⏰⏰