धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
माली सींचे बीज को, पेड़ बने फल खाय
पेड़ बने फल खाय, कहे थे संत कबीरा
युग बदले इक बात, बोल रहे महावीरा
वृक्ष बचे ना आज, पीढ़ियों को क्या दोगे
पिज्जा बर्गर दौर, कहाँ अब धैर्य धरोगे
—महावीर उत्तरांचली