Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2024 · 1 min read

धन्यवाद

धन्यवाद

धन्यवाद आप का मुकाम दे दिये।
हर्ष हो रहा है आज काम दे दिये।
फिक्र अब समाप्त है सुजान हो गया।
आप की कृपा हुई सुमान हो गया।
दोस्त सिर्फ आप हो हमें सदा सहारते।
धन्यवाद आप का कभी नहीं विसारते।
बात मानते सदैव छोड़ते न साथ हो।
धन्यवाद आप का सदैव दायं हाथ हो।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 67 Views

You may also like these posts

बाजारवाद
बाजारवाद
कार्तिक नितिन शर्मा
2964.*पूर्णिका*
2964.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज ईद का दिन है
आज ईद का दिन है
Jyoti Roshni
sp97 हम अपनी दुनिया में
sp97 हम अपनी दुनिया में
Manoj Shrivastava
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लीजिए प्रेम का अवलंब
लीजिए प्रेम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कौड़ी कौड़ी माया जोड़े, रटले राम का नाम।
कौड़ी कौड़ी माया जोड़े, रटले राम का नाम।
Anil chobisa
स्वार्थ
स्वार्थ
Khajan Singh Nain
मेरे रहबर मेरे मालिक
मेरे रहबर मेरे मालिक
gurudeenverma198
रेस
रेस
Karuna Goswami
रहें फसल के बीच में,जैसे खरपतवार
रहें फसल के बीच में,जैसे खरपतवार
RAMESH SHARMA
अक्सर देखते हैं हम...
अक्सर देखते हैं हम...
Ajit Kumar "Karn"
ठुकरा दो अगर दे कोई ज़िल्लत से समंदर
ठुकरा दो अगर दे कोई ज़िल्लत से समंदर
पूर्वार्थ
देखा है।
देखा है।
Shriyansh Gupta
टूटता तारा
टूटता तारा
C S Santoshi
*विश्वकप की जीत - भावनाओं की जीत*
*विश्वकप की जीत - भावनाओं की जीत*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
शेखर सिंह
सच तो जीवन में शेड का महत्व हैं।
सच तो जीवन में शेड का महत्व हैं।
Neeraj Agarwal
संविधान के शिल्पी - डॉ अम्बेडकर
संविधान के शिल्पी - डॉ अम्बेडकर
डिजेन्द्र कुर्रे
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
गुमनाम 'बाबा'
नौलखा बिल्डिंग
नौलखा बिल्डिंग
Dr. Kishan tandon kranti
सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)
सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)
Ravi Prakash
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
ruby kumari
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
डॉ. दीपक बवेजा
मुझे तुमसे प्यार हो गया,
मुझे तुमसे प्यार हो गया,
Dr. Man Mohan Krishna
अनन्तता में यादों की हम बिखर गए हैं।
अनन्तता में यादों की हम बिखर गए हैं।
Manisha Manjari
सच्ची लगन
सच्ची लगन
Krishna Manshi
शौचालय
शौचालय
लक्ष्मी सिंह
मुक्तक
मुक्तक
Vandana Namdev
Loading...