Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2024 · 1 min read

धनुष वर्ण पिरामिड

धनुष वर्ण पिरामिड

जी
प्रिय
मित्र जी
ठीक ठाक
सब है प्रिये?
क्या चल रहा है?
लेखन हो रहा न?
और सुनाइए न!
नाश्ता हो गया क्या?
लंच कब है?
क्या अब है?
मंगल
तब
हो।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 11 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
Manoj Mahato
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
आनंद प्रवीण
3427⚘ *पूर्णिका* ⚘
3427⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
-शुभ स्वास्तिक
-शुभ स्वास्तिक
Seema gupta,Alwar
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
Rj Anand Prajapati
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
तब मानोगे
तब मानोगे
विजय कुमार नामदेव
" जलाओ प्रीत दीपक "
Chunnu Lal Gupta
उस बाग का फूल ज़रूर बन जाना,
उस बाग का फूल ज़रूर बन जाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"काला पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
पेंसिल हो या पेन‌ लिखने का सच हैं।
पेंसिल हो या पेन‌ लिखने का सच हैं।
Neeraj Agarwal
स्मृतियाँ  है प्रकाशित हमारे निलय में,
स्मृतियाँ है प्रकाशित हमारे निलय में,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
*Eternal Puzzle*
*Eternal Puzzle*
Poonam Matia
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
शिव प्रताप लोधी
प्रयास
प्रयास
Dr fauzia Naseem shad
महामारी एक प्रकोप
महामारी एक प्रकोप
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
भूल जा इस ज़माने को
भूल जा इस ज़माने को
Surinder blackpen
दूरी जरूरी
दूरी जरूरी
Sanjay ' शून्य'
उम्र आते ही ....
उम्र आते ही ....
sushil sarna
रूह बनकर उतरती है, रख लेता हूँ,
रूह बनकर उतरती है, रख लेता हूँ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्राण- प्रतिष्ठा
प्राण- प्रतिष्ठा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
🍈🍈
🍈🍈
*प्रणय प्रभात*
The Moon and Me!!
The Moon and Me!!
Rachana
विरक्ति
विरक्ति
swati katiyar
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
Shashi kala vyas
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
शुद्धता का नया पाठ / MUSAFIR BAITHA
शुद्धता का नया पाठ / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
झूठ भी कितना अजीब है,
झूठ भी कितना अजीब है,
नेताम आर सी
* हासिल होती जीत *
* हासिल होती जीत *
surenderpal vaidya
Loading...