धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
क्यों
मन
कहता
स्वच्छंद हो
विचरण हो
करे अनर्गल
हो कर के चंचल
मन नहीं अटल
नहीं ज्ञान बल
चित्तवृत्ति ही
मनचल
विचल
सदा
है।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
धनुष वर्ण पिरामिड
क्यों
मन
कहता
स्वच्छंद हो
विचरण हो
करे अनर्गल
हो कर के चंचल
मन नहीं अटल
नहीं ज्ञान बल
चित्तवृत्ति ही
मनचल
विचल
सदा
है।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।