Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2024 · 1 min read

धनुष वर्ण पिरामिड

धनुष वर्ण पिरामिड

जो
बल
प्रयोग
करता है
मानवता को
काट काट कर
लहू पिया करता

है समाज लायक
वह कभी नहीं
कुत्तों का वह
भोजन है
उसको
फेंको
तो।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

2 Likes · 68 Views

You may also like these posts

3870.💐 *पूर्णिका* 💐
3870.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरी ख़ूबी बस इत्ती सी है कि मैं
मेरी ख़ूबी बस इत्ती सी है कि मैं "ड्रिंकर" न होते हुए भी "थिं
*प्रणय*
तू चला चल
तू चला चल
Sukeshini Budhawne
बेवफ़ाई
बेवफ़ाई
Sidhant Sharma
- बदलते रिश्ते -
- बदलते रिश्ते -
bharat gehlot
माँ की वसीयत
माँ की वसीयत
Indu Nandal
किसी ने पूछा इस दुनिया में आपका अपना कौन है मैंने हंसकर कहा
किसी ने पूछा इस दुनिया में आपका अपना कौन है मैंने हंसकर कहा
Ranjeet kumar patre
मुस्कुराता जीवन
मुस्कुराता जीवन
Santosh kumar Miri
माशूक मुहब्बत में...
माशूक मुहब्बत में...
आकाश महेशपुरी
* निशाने आपके *
* निशाने आपके *
surenderpal vaidya
रूठ जाता है
रूठ जाता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
मुस्कान
मुस्कान
पूर्वार्थ
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अभिमान
अभिमान
Sudhir srivastava
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
manjula chauhan
।। आशा और आकांक्षा ।।
।। आशा और आकांक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
नाजुक -सी लड़की
नाजुक -सी लड़की
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
संवेदना
संवेदना
Khajan Singh Nain
।।दुख और करुणा।।
।।दुख और करुणा।।
Priyank Upadhyay
ଅନୁଶାସନ
ଅନୁଶାସନ
Bidyadhar Mantry
मेले की धूम
मेले की धूम
Shutisha Rajput
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
तसव्वुर
तसव्वुर
Shyam Sundar Subramanian
ज़िंदगी की मशक़्क़त में
ज़िंदगी की मशक़्क़त में
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
Shekhar Chandra Mitra
"धुएँ में जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
हरे कृष्णा !
हरे कृष्णा !
MUSKAAN YADAV
Loading...