दौलत देती सोहरत
प्रतिष्ठा देती यह धन-दौलत
आज के अतुलनीय दौड़ में
जिसके पार्श्व होते ये विपुल
धन – दौलत भव्य, मुल्क में
उसका गरोह में अलहदा ही
रुतबा, ओहदा रहता है यहां
एक प्रयोजन से हम माने तो
यह धन, दौलत देती सौहरत।
जिसके पारणपत्र न रहता
यह धन-दौलत इस जग में
उसको न होती मान-आबरू
लिहाज,कीर्ति पाने हेतु हमें
दौलत को कमाना ही होगा
बिन धन – दौलत की हमें
न मान , सम्मान इस भव में
यह धन-दौलत देती सौहरत।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार