दो अक्षर का शब्द है , सबसे सुंदर प्रीत (कुंडलिया)
दो अक्षर का शब्द है , सबसे सुंदर प्रीत (कुंडलिया)
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दो अक्षर का शब्द है , सबसे सुंदर प्रीत
साथी सहयात्री मधुर ,कहलाते हैं मीत
कहलाते हैं मीत, उगा सविता ले आते
अंधकार के दौर , न छू उनको फिर पाते
कहते रवि कविराय ,नहीं क्षय उनके घर का
बसा हुआ है प्रीत ,जहाँ पर दो अक्षर का
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प्रीत = प्रेम
सविता = सूर्य
मीत = मित्र
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451