दोहा
दिनांक: 02/09/2024
विधा __ दोहा
1,,
निकले घर से जब कभी ,आया तब तब ध्यान।
मुश्किल से बनती गई , दुनिया में पहचान ।।
2,,
भाव सभी उत्तम मगर , अति उत्तम है प्रेम ।
लिख लाइन ये टांग दो , दीवारों पर फ़्रेम ।।
3,,
बरसों दूर न राखियो , भंग न होवे मोह ।
अंतर मन की कोख में , बना रहे विद्रोह ।।
4,,
सच्चाई से बढ़ो अगर , पाओगे उत्कर्ष ।
अच्छे कर्मों से सदा , मिलता सबको हर्ष ।।
✍️नील रूहानी ( नीलोफर खान)
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