दोहा ,,,,,,,
1 )
बारिश लाए ज़िंदगी , झर झर हर तालाब।
इतराता जल द्वार पर , देख रहा महताब ।।
2 )
सागर बने नदी कहीं ,ले डूबे खलिहान ।
दूर दूर तक राह पर ,चलना अब आसान।।
3 )
जंगल बनते जब शहर , जनता जीते ताज ।
काहिल सारे लोग भये , कौन करेगा राज ।।
4)
पर्वत पर्वत जो चले , लौट न देखे कोय ।
हरियाली भाए नहीं , मन ईश्वर में खोय ।।
✍️नील रूहानी…09/07/2024,,,,