Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2024 · 1 min read

दोहा पंचक. . . . शीत

दोहा पंचक. . . . शीत

अलसायी सी गुनगुनी , उतरी नभ से धूप ।
बड़ा सुहाना भोर में, लगता उसका रूप ।।

धुन्ध चीर कर आ गई, आखिर मीठी धूप ।
हाथ जोड़ वंदन करें, निर्धन हो या भूप ।।

शीत ऋतु में धूप से , मिले मधुर आनन्द ।
गरम-गरम हो चाय फिर , रचें प्रेम के छन्द ।।

शीत भोर की धुंध में, ठिठुर रही है धूप ।
शरमाता है शाल में, गौर वर्ण का रूप ।।

धुन्ध भयंकर साथ फिर, शीतल चले बयार ।
पहन चुनरिया ओस की, भोर करे शृंगार ।।

सुशील सरना / 20-11-24

25 Views

You may also like these posts

4202💐 *पूर्णिका* 💐
4202💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
।।श्री सत्यनारायण व्रत कथा।।प्रथम अध्याय।।
।।श्री सत्यनारायण व्रत कथा।।प्रथम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हरियाली माया
हरियाली माया
Anant Yadav
परहेज बहुत करते है दौलतमंदो से मिलने में हम
परहेज बहुत करते है दौलतमंदो से मिलने में हम
शिव प्रताप लोधी
मर्ज
मर्ज
AJAY AMITABH SUMAN
अहं
अहं
Shyam Sundar Subramanian
KRISHANPRIYA
KRISHANPRIYA
Gunjan Sharma
पुस्तक समीक्षा
पुस्तक समीक्षा
अशोक कुमार ढोरिया
फादर्स डे ( Father's Day )
फादर्स डे ( Father's Day )
Atul "Krishn"
सपनों का घर
सपनों का घर
Uttirna Dhar
मां कात्यायिनी स्तुति
मां कात्यायिनी स्तुति
मधुसूदन गौतम
राम नाम की लहर
राम नाम की लहर
dr rajmati Surana
माटी की सोंधी महक (नील पदम् के दोहे)
माटी की सोंधी महक (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
एक इंसान ने एक परिंदे से
एक इंसान ने एक परिंदे से
Harinarayan Tanha
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
कहने   वाले   कहने   से   डरते  हैं।
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेरे प्रेम पत्र
मेरे प्रेम पत्र
विजय कुमार नामदेव
वीर अभिमन्यु– कविता।
वीर अभिमन्यु– कविता।
Abhishek Soni
- अब सबकुछ धुधला - धुधला लगता है -
- अब सबकुछ धुधला - धुधला लगता है -
bharat gehlot
सावन
सावन
Bodhisatva kastooriya
खोट
खोट
GOVIND UIKEY
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
दिल की आवाज़
दिल की आवाज़
Dipak Kumar "Girja"
एकरसता मन को सिकोड़ती है
एकरसता मन को सिकोड़ती है
Chitra Bisht
बेमेल रिश्ता
बेमेल रिश्ता
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन पथ पर चलते जाना
जीवन पथ पर चलते जाना
नूरफातिमा खातून नूरी
सेक्स और शिक्षा का संबंध
सेक्स और शिक्षा का संबंध
पूर्वार्थ
মহাদেবের কবিতা
মহাদেবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
Loading...