Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2024 · 1 min read

दोहा पंचक. . . मेघ

दोहा पंचक. . . मेघ

श्वेत हंस आकाश में, करते मुक्त विहार ।
बिन बरसे ही मेघ ये, लौट गए हर बार ।।

मेला मेघों का लगा, अम्बर के उस पार ।
आज लुटाने आ गए, तृषित धरा पर प्यार ।।

आए मेघा आ गई, याद पुरानी बात ।
देह पृष्ठ पर लिख गईं, प्रेम ग्रन्थ बरसात ।।

काले मेघों से हुई, रिमझिम जब बरसात ।
बड़ी सुहानी सी लगी, बाहुपाश की रात ।।

आया सावन झूम कर, गजब हुई बरसात ।
उन्मादों के दौर में, खूब हुए उत्पात ।।

सुशील सरना / 29-6-24

14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिश्ते..
रिश्ते..
हिमांशु Kulshrestha
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
पूर्वार्थ
दूसरा मौका
दूसरा मौका
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
दिल की रहगुजर
दिल की रहगुजर
Dr Mukesh 'Aseemit'
पलटूराम में भी राम है
पलटूराम में भी राम है
Sanjay ' शून्य'
8. टूटा आईना
8. टूटा आईना
Rajeev Dutta
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हम अभी ज़िंदगी को
हम अभी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
6-जो सच का पैरोकार नहीं
6-जो सच का पैरोकार नहीं
Ajay Kumar Vimal
तेरे इंतज़ार में
तेरे इंतज़ार में
Surinder blackpen
कब मेरे मालिक आएंगे!
कब मेरे मालिक आएंगे!
Kuldeep mishra (KD)
तुमको हक है जिंदगी अपनी जी लो खुशी से
तुमको हक है जिंदगी अपनी जी लो खुशी से
VINOD CHAUHAN
"शिष्ट लेखनी "
DrLakshman Jha Parimal
आईना देख
आईना देख
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
2956.*पूर्णिका*
2956.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेमचंद के उपन्यासों में दलित विमर्श / MUSAFIR BAITHA
प्रेमचंद के उपन्यासों में दलित विमर्श / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
Kaushal Kishor Bhatt
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
कवि दीपक बवेजा
World Environment Day
World Environment Day
Tushar Jagawat
सबको
सबको
Rajesh vyas
■ ताज़ा शेर ■
■ ताज़ा शेर ■
*प्रणय प्रभात*
छलनी- छलनी जिसका सीना
छलनी- छलनी जिसका सीना
लक्ष्मी सिंह
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
सपने
सपने
Santosh Shrivastava
*चढ़ती मॉं की पीठ पर, बच्ची खेले खेल (कुंडलिया)*
*चढ़ती मॉं की पीठ पर, बच्ची खेले खेल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
टूट गया हूं शीशे सा,
टूट गया हूं शीशे सा,
Umender kumar
दोहा-प्रहार
दोहा-प्रहार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...