Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि

गंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर ।
कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे डोर ।।

अलिकुल की गुंजार से, सुमन हुए भयभीत ।
गंध चुराने आ गए, छलिया बन कर मीत ।।

आशिक भौंरे दिलजले, कलियों के शौकीन ।
क्षुधा मिटा कर दे गए, घाव उन्हें संगीन ।।

पुष्प मधुप का सृष्टि में, रिश्ता बड़ा अजीब ।
दोनों के इस प्रेम को, लाती गंध करीब ।।

पुष्प दलों को भा गई, अलिकुल की गुंजार ।
मौन समर्पण कर दिया, मुखर हुआ अभिसार ।।

सुशील सरना / 27424

40 Views

You may also like these posts

कौन सताए
कौन सताए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
नदी का किनारा ।
नदी का किनारा ।
Kuldeep mishra (KD)
" शिक्षक "
Pushpraj Anant
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
Life
Life
Dr Archana Gupta
चौपाई छंद - माता पिता और हम
चौपाई छंद - माता पिता और हम
Sudhir srivastava
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
🙅FACT🙅
🙅FACT🙅
*प्रणय*
"नन्नता सुंदरता हो गई है ll
पूर्वार्थ
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
Atul "Krishn"
4464.*पूर्णिका*
4464.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" सनद "
Dr. Kishan tandon kranti
चाँदनी रातों में बहार-ए-चमन,
चाँदनी रातों में बहार-ए-चमन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
शेखर सिंह
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
ग़ज़ल गीत तन्हा......., ही गाने लगेंगे।
ग़ज़ल गीत तन्हा......., ही गाने लगेंगे।
पंकज परिंदा
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
Kumar lalit
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
थोड़ी देर पहले घुसे कीड़े का,
थोड़ी देर पहले घुसे कीड़े का,
Ranjeet kumar patre
पंछी अब तुम कब लौटोगे?
पंछी अब तुम कब लौटोगे?
Dr. Sukriti Ghosh
प्रीत
प्रीत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
उसने  कहा जो कुछ  तो   पहले वो
उसने कहा जो कुछ तो पहले वो
shabina. Naaz
ये कैसी दीवाली
ये कैसी दीवाली
Satish Srijan
करें स्वागत सभी का हम जो जुड़कर बन गए अपने
करें स्वागत सभी का हम जो जुड़कर बन गए अपने
DrLakshman Jha Parimal
*देशभक्त श्री अश्विनी उपाध्याय एडवोकेट (कुंडलिया)*
*देशभक्त श्री अश्विनी उपाध्याय एडवोकेट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
उनको ही लाजवाब लिक्खा है
उनको ही लाजवाब लिक्खा है
अरशद रसूल बदायूंनी
सितमज़रीफी किस्मत की
सितमज़रीफी किस्मत की
Shweta Soni
हिन्दी‌ की वेदना
हिन्दी‌ की वेदना
Mahesh Jain 'Jyoti'
Loading...