दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
रिश्तों में उगने लगी, द्वेष भाव की घास ।
मिलने की ओझल हुई, अन्तर्मन में प्यास ।।
दीवारों में खो गया , आँगन वाला प्यार ।
संबंधों में स्वार्थ की, मुखर हुई अब रार ।।
नफरत की सीलन बढ़ी, टूट गया विश्वास ।
रिश्तों से ओझल हुआ, आपस का उल्लास ।।
सुशील सरना / 22-10-24