Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2021 · 2 min read

” दोस्तों की फौज “

डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
============
फेसबुक के पन्नों में मित्रों की सूची बढने से हमें यह कथमपि नहीं सोचना चाहिए कि हमने दसों दिशाओं में अपना अश्वमेघ घोड़ा को दौड़ा दिया है ! कुछ क्षणों के लिए यह आभास भी होने लगता है कि हमने विजय पताखा चारों ओर फहरा दिया ! पर हमारी नींद मध्य रात्रि में हमरा साथ देने से कतराने लगती है ! हम करवटें बदलने लगते हैं ! पता चलता है अपनों ने आक्रमण कर दिया ! जिन मित्रों पर गर्व था उन्हीं के प्रहारों से हमारा साम्राज्य ही डोलने लगा ! प्रयोगिक तौर पर हमारी मित्रता समान विचारधारा वाले व्यक्तिओं से ही होती है ! हम परखते हैं इनकी मित्रता हमें सुखद एहसास करायेगी ? हम एक दूसरे के पूरक बने रहेंगे ? हमारी गुप्त बातों को गुप्त ही रखी जाएगी ? हो सकता है कभी हमारे विचारों में असमानता ऊभर आये तो शिष्टता और मृदुलता के दायरे से ही विचारों का आदान-प्रदान होने लगता है ! हम विचार विमर्श के उपरांत ही कोई निष्कर्ष पर पहुँचते हैं ! फिर इन मित्रों को जन्म जन्मान्तर तक हम नहीं भूल पाते हैं …..! पर पता नहीं इन आधुनिक यंत्रों के खेल ही कुछ निराले हैं ! फ्रेंड रिक्वेस्ट आये या ना आये हमें तो अपना सेन्य बल दिखाना है ! किसी ने हजारों और कड़ोरों व्यक्तिओं को अपने रेजिमेंट में शामिल कर लिया है! वो भी बिना शारीरिक परिक्षण के ! ये कुशल सेनिक हैं या रणक्षेत्र छोड़ देंगे इसका अनुमान तो तब लगता है जब इनकी बातें और इनके विचार आपस में टकराने लगते हैं ! कभी -कभी तो अभद्रता की सीमा को भी ये लाँघ जाते हैं ! और हम उनसे पूर्ण अवकाश के लिए ‘ डीलिट् या ब्लाक ‘ कर देते हैं ! इस तरह फेसबुक के दोस्तों की नींव हिलने लगती है और हम सोचने पर विवश हो जाते हैं कि हमारा चयन अपरिपक्व था ………….?
====================================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत

Language: Hindi
Tag: लेख
178 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
यूं ही कोई शायरी में
यूं ही कोई शायरी में
शिव प्रताप लोधी
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
परोपकार
परोपकार
ओंकार मिश्र
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
Neeraj kumar Soni
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अगर प्रेम है
अगर प्रेम है
हिमांशु Kulshrestha
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
#चिंतनीय
#चिंतनीय
*प्रणय*
"समरसता"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...