दोस्ती
दोस्ती (शुभांगी छंद )
तुझ सा कोई,दोस्त नहीं है,तुम हो मेरा,अति उत्तम।
जन्म जन्म के,प्रेम पले हैं,मेरे प्रियवर,प्रिय अनुपम।।
जब तुम मिलते,देते छाया,भरती दाया,मन ग़मके।
जब तुम आते,दिल चहकाते ,कष्ट मिटाते,तन चमके।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।