दोस्ती
ढलती शाम मैंने दोस्ती का एक नया आयाम देखा
शाखों का परिंदों के लिए ऐसा निस्वार्थ क़याम देखा
शरारत से की अगवानी, लचक कर पनाह दे रही थीं
थके परिंदों के लौटने पर डालियों का निज़ाम देखा !!
– मोनिका
आयाम – विस्तीर्णता, विस्तार।
क़याम – ठिकाना, पड़ाव।
अगवानी – स्वागत करना।
निज़ाम -प्रबंध, व्यवस्था।