दोस्ती
दोस्ती इबादत की तरह
दोस्त खुदा की तरह
मिलना मुश्किल दोनो ही
मगर मिल जाए तो
तुम उन्हें खोना नहीं,
क्योंकि मुसीबत में
याद करते हम
सिर्फ उन्हें ही ।
दोस्ती इबादत की तरह
दोस्त खुदा की तरह
मिलना मुश्किल दोनो ही
मगर मिल जाए तो
तुम उन्हें खोना नहीं,
क्योंकि मुसीबत में
याद करते हम
सिर्फ उन्हें ही ।